कल शीशा था सब देख-देख कर जाते थे SHARE FacebookTwitter कल शीशा था सब देख-देख कर जाते थे, आज टूट गया तो सब बच-बच कर जाते हैं! ये वक़्त है साहब, कभी किसी का एक जैसा नहीं रहता! SHARE FacebookTwitter
कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती है, किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है,.......Read Full Message